काहे की शर्म.. बिंदास बोलें हिंदी
ठ हरिए..... ये लेख शायद अंग्रेजी बोलने के शौकीन लोगों की भावना को ठेस पहुँचा सकता है। कृपया इसे दिल पर न लें... लेकिन दिमाग पर जरुर लें। क्योंकि ऐसे ही लोगों की वजह से कई बेकसूरों को नीचा समझा जाता है...अरे आपको पता नहीं है जनाब! आजकल तो लोगों की औकात भी अंग्रेजी बोलने के बाद ही मापी जाती है... यह तो एकदम शहद मे लिपटा हुआ कड़वा सच है कि अपने ही देश में अपनी ही मातृभाषा से हर रोज लोगों को समझौता करना पड़ता है .... वैसे भी हिन्दी का दर्द तो सिर्फ एक ही दिन नजर आता है... वो है हिन्दी दिवस के दिन.. दिल पर पत्थर रखकर लोगों को इस दिन हिन्दी को सम्मान देना पड़ता है... ज्यादा दूर जाने की जरूरत नहीं है थोड़ा आस-पास ही नजर घूमाईए और देखिए किस तरह लोग जूझ रहे हैं अंग्रेजी बोलेने की होड़ में। कोई अंग्रेजी बोलना चाहता है पर जब बोलता है तो हंसीका पात्र बन जाता है... हम जैसे लोग ही उन पर ठहाके मारते हैं.. कोई मोहतरमा सिर्फ अंग्रेजी बोलकर अपने आप को विद्वान बताना चाहती हैं और दूसरों को गवार...। ऐसे कई नमूने आप को मिल जांएगे जो बिना किसी जानकारी के अंग्रेजी बोलते नजर आ जाएंगे..लेकिन हिन्दी की...