साक्षात्कार ..........




पढिये एक सामान्य लड़की का मन ............

सामरा काज़मी  का साक्षात्कार ..........
"जियो तो हजरत अली के तरह .
  मरो तो इमाम हुसैन की तरह."  
हमेशा इन शब्दों को प्रेरणा मानने वाली एक सामान्य लड़की की दांस्ता .....आपके समक्ष प्रस्तुत कर रही हूँ , जी हाँ ये है सामरा काज़मी   है जो जल्द ही उभरती हुई पत्रकार के रूप में हमारे सामने आने वाली है .जिनकी सोच आज उन्हें भीड़ से अलग करती है  १.३० घंटे चले  इस साक्षात्कार में सामरा जी ने अपने जीवन के कई पक्षों को हमारे सामने रखा वक्त के इस आईने में पेश है उनकी कुछ झलकियाँ .........

सामरा काजमी




























































































































:व्यक्तित्व व जीवन से जुड़े कुछ प्रश्नों के साथ मेरा (अर्चना चतुर्वेदी ) और उत्तरों के साथ सामरा काज़मी के साक्षात्कार का  दौर कुछ यूँ चला ..........
प्र. सामरा जी आप क्या है ? अपने लिए 

उ. जी,  मै खुद के लिए कुछ नहीं हूँ जो भी हूँ दूसरो के लिए.  आप कह सकती है की समारा काज़मी
एक ऐसी लड़की है जिसको खुद से ज्यादा उसके करीबी जानते है . और जो कुछ भी जानती हूँ अपने बारे में उसके हिसाब से मै बहुत कन्फयूज़ लड़की हूँ ,जल्दी किसी पे भी भरोसा कर लेती हूँ ,हंसमुख हूँ अब और क्या बताऊ ? बस ऐसी ही हूँ मै .

प्र. कुछ बताये की आपके जीवन का शुरुवाती दौर कैसा बीता ?कहने का मतलब है की आपके परिवार वालो के साथ . 

उ. मेरे जीवन में मुझसे ज्यादा अहमियत मेरे परिवार वाले रखते है उन्होंने मेरे हर कदम पर मेरा साथ दिया है तभी जीवन के ये शुरुवाती पल इतने खुबसूरत बन गये है ..जब हम कानपुर में रहा करते थे तब हमे याद है. 199२ में  अयोध्या कांड चल रहा था तब हमे बहुत सी  परेशानियों का सामना करना पड़ा यहाँ तक की हमे कानपुर छोड़ कर लखनऊ आना पड़ा लेकिन हमारे अब्बा (एस.एस.एच काज़मी ) के अच्छे स्वभाव की वजह से हमारे हिन्दू पड़ोसियों ने हमारा खूब साथ दिया और यही संस्कार हमे भी दिए ..लखनऊ आने के बाद घर के हालात ठीक नहीं रहे पर फिर भी मेरे घरवालो ने मिलकर इस मुश्किल का सामना किया और अल्लाह का शुक्र है की अब हम सब बहुत खुश है. 

प्र. कौन -कौन है आपके परिवार में ?  आप सबसे ज्यादा करीब किस से है घर पे और क्यों ?

अब्बा ,मैं और अम्मी
अप्पी ,मैं मेरी बहन
और ये मेरा स्टुडेंट 

उ. जी, हम छः लोग है अम्मी ,अब्बा और चार बहने है जिनमे से बड़ी वाली आप्पी की शादी हो गई है और अब हम पांच लोग है अब्बा BSNL में काम करते है अम्मी लेक्चरार है शिया कॉलेज में और अप्पी भी जॉब करती है कुल मिलकर हमारा छोटा  परिवार सुखी परिवार है ..मै आपने घर पे सुबसे ज्यादा अपनी अम्मी से करीब हूँ क्योकि वो मेरी लिए सबसे बड़ी प्रेरणा है उन्होंने जिन हालातो में अपनी पढाई पूरी की वो वाकई काबिलेतारीफ है साथ ही वो मुझे बहुत मदद्त करती है हर चीज़ के लिए  मेरी सबसे बड़ी अप्पी (सना) वो भी मुझे ये लगने ही नहीं देती की वो हमसे दूर है .मेरे परिवार में हर इसी की अपनी एहमियत है इसीलिए मै सबकी इज्ज़त करती हूँ .

प्र. आपको लोग घर में और दोस्तों में किस नाम से बुलाते है ?

उ. जी अच्छा सवाल है मुझे घर पे लोग  सम्मो के नाम से बुलाते है और मुझे पसंद भी ये नाम अपना पन सा  झलकता है इस नाम में कुछ  भी बनावटी  नहीं लगता ......और दोस्तों में तो लोग मुझे "सोडा बोटल" बुलाते है क्योकि उनको लगता है की मै बहुत जल्दी हायपर हो जाती हूँ ..
प्र. आप ने अपनी पढाई कहाँ से की ? प्राइमरी से लेकर आज मास्टर तक का आपका सफ़र कैसा रहा?

उ. मेरी पढाई लखनऊ में हुई और अब भी चल रही है शुरूवात में मैं ज्यादा अच्छी नहीं थी पढाई में अब्बू भी कहते थे " अल्लाह ही जाने कैसे पास होती है "  १० वे में भी  ज्यादा तो नहीं पर  हा पास होने भर नम्बर मिल गये थे पर धीरे - धीरे सुधरती रही उसके बाद कामर्स ले लिया फिर अचानक से मेरा मन मीडिया की तरफ बढ़ने लगा मैंने P . R में डिप्लोमा किया और इस बार मैंने टॉप किया उसके बाद ये शौक परवान चड़ने लगा फिर मैंने पत्रकारिता करने की सोची जो मै कर रही हूँ ..

 
प्र. आपको इस फील्ड(मीडिया) में जाने के लिए किसने प्रेरित किया? और  इसका इस्तेमाल आप  किस तरह करना चाहती है ?

उ. मीडिया में जाने के लिए किसी ने मुझ से नहीं कहा ये मेरा फैसला था और इसकेलिए मै अपने आप ही को उत्तरदाई समझती हूँ  अब्बा मुझे वकील बनाना चाहते थे क्योकि मै बोलती बहुत हूँ पर मै तो कुछ और ही सपने सजा रही थी. की एक दिन मैं बड़ी पत्रकार बनूगी हाथ में माइक लेके शारुख खान का इंटरव्यू लूँगी। पर जब मैंने इस मीडिया को जाना तो अब  मेरा नजरिया बदल गया अब मै इस लिए पत्रकार बनना चाहती हूँ की अपनी आवाज को आवाम की आवाज बना संकू और आप लोग डरिये मत मै इसका गलत इस्तेमाल कभी नहीं  करुगी .

प्र.  आपकी जिन्दगी में सबसे ज्यादा अहमियत क्या रखता है .परिवार या कैरियर ? 


 उ.  जी , इसका जवाब सिर्फ और सिर्फ एक ही जो कभी नहीं बदलेगा मेरा "परिवार" ।
अगर इन दोनों में से कभी किसी एक को चुनना पड़ा तो भी मै अपने परिवार को ही चुनुगी ....

प्र.  वे लोग जिन्होंने आपको कुछ भी नया करने के लिए प्रेरित किया हो ?

उ.  अच्छा है आपने ये प्रश्न पूछ लिया क्योकि इनके बिना तो मैं अधूरी ही रह जाती . सबसे  पहले मेरे सर "अभिषेक शर्मा" जिन्होंने मुझे हमेशा आगे बढ़ने  के लिए प्रेरित किया है फिर मेरी बड़ी अप्पी "सना काज़मी" जिन्होंने आज तक मेरा साथ नहीं छोड़ा उसके बाद  "नीदा अहमद' जो मेरी दोस्त है उसके किसी भी बात को मैं  भूल नहीं सकती क्योकि वो बाते आज भी मेरे इतने काम आ रही है , "सबा काज़मी ' मेरी अप्पी इनके उसूलो ने आज मुझे यहाँ तक पहुचाया हुआ है और उसके बाद हमारे "मुकुल सर ' जिनकी वजह से मैंने लिखने के शुरुवात  की  ..

प्र. आपका ऐसा कोई करीबी  दोस्त जिससे आप अपनी सारी बाते कह सकती हो ?

मैं और मेरी दोस्त
नीदा अहमद
 उ.  जी, मेरी सबसे अच्छी दोस्त " नीदा अहमद' है उसकी जगह कोई नहीं ले सकता गम में ख़ुशी में वो मेरे साथ हमेशा खड़ी रहती है बिना कहे ही वो सारी बाते समझ जाती है बचपन से लेकर आज तक हम दोनों एक दुसरे को बहुत अच्छा दोस्त मानते है और मेरे ख्याल से बिना दोस्त के आपकी जिन्दगी अधूरी होती है तो मै शुकिया करुगी उपर वाले का जिसने मुझे नीदा जैसी दोस्त दी ..
प्र. ऐसी कौन सी बात है जिसने आप को सबसे ज्यादा परेशान किया ?


मेरे दोस्त
 उ. सच-सच कहू तो आज तक इतना बुरा  मुझे कभी नहीं लगा पर जब मैंने M . A में दाखिला लिया तो वो शुरुवाती दिन मुझे बहुत ख़राब  लगे कोई भी मुझे ऐसा नहीं मिला जिसकी वजह से मुझे अच्छा लगा हो क्योकि शुरू से मै अपनी जुड़वाँ बहन"सायरा काज़मी " के साथ पढ़ी हूँ पहली बार मै उसके बिना कही पढ़ रही थी न मुझे वहां का माहौल रास अ रहा था न ही लोग इतनी ज्यादा परेशान हो गई  थी की एक बार तो गलत टेम्पो में बैठ गई थी  खैर अब हालत काफी सुधर गये है अब सब  ठीक है  अब हम काफी अच्छे दोस्त भी बन गये है लोगो के बारे में जो राय थी वो भी बदल गी है इस टाइम कॉलेज में सना ,शिष्टा ,हैदर ,चांदनी अच्छे दोस्त बन गये है ...


प्र. कुछ लोग कहते है की" आप जो सामने दिखती हो वेसी नहीं हो " इस्पे आपकी क्या राय है ?

उ. ये जो कहते है वो शायद  मुझे अच्छी तरह नहीं जान पाए या मै उन्हें वक्त नहीं दे पाई हूँ जिसकी वजह से सायद वो ये समझते हो पर हा अगर ये सवाल मेरी किसी कॉलेज वाले दोस्त ने किया है तो हा मै हूँ उनके लिए क्योकि मै अभी तक नहीं खुल पाई हु पर कोशिश जरुर  कर रही हूँ .....


प्र. आपकी पसंद  और नापसंद क्या - क्या है ?


उ. पसंद -
  •  खाना बनाना 
  • टी.वी देखना 
  • किताबे पढना   
  • गाने सुनना 
  • बहुत बाते करना 
  • मेहँदी  लगवाना 
  • ख्वाब देखना (वो चाहे खुली आँखों से हो या फिर बंद ) 
  • दोस्त बनाना
 नापसंद -
  • खुदगर्ज लोग 
  • जो अपनी तारीफ खुद 
  • करते है 
  • जो make -up बहुत करते है 
  • घर के काम नहीं पसंद 
प्र. आपकी जिन्दगी में संघर्ष के क्या मायने है .....?


उ.मेरे हिसाब से जहाँ अपनी बुरियो से लड़ने की बात आती है या अपनी कमजोरियों को छुपाने की बात वही संघर्ष लगता है या फिर जो अच्छाई आप में है और दूसरा उसे समझ नहीं पा रहा है तो जरुरी है उससे छुपा नहीं  लड़ा जाये ..

 प्र. कोई ऐसी बात जो आप कभी नहीं भूलना नहीं चाहती है ?

 उ.  हाँ! मेरे अब्बा की कही बात में कभी नहीं भूलना चाहुगी वे कहते थे की
 "अगर आसंनिया  हो तो जिन्दगी दुस्वार  हो जाए ...
चला जाता हूँ हँसता  खेलता हुआ मौजे हवादिस से .."
 

यानि की अगर जीवन में सब कुछ बिना परेशानियों के मिल जाये  तो इसमें मज़ा कहा आएगा ..ये बात हमेशा याद रखती हूँ क्योकि  कोई भी परेशानी मुझे कमज़ोर न बना सके और मै सबको  यही सलाह भी देना चाहती हूँ ..


 प्र.  ऐसी कौन सी आदते है आपमें जो बदलना चाहेगी और क्यों ?

 उ.  मुझे लोग शोर्ट टेम्पेर कहते है इस ख्याल को सबसे  पहले बदलना चाहुगी..आपको पता नहीं पर मै बहुत आलसी हूँ ...जिसकी वजह से मेरा कोई भी काम समय पे नहीं हो पता है तो कोसिस रहेगी इस आदत में जल्द की सुधार कर लूँ , मै बाते मुह पे नहीं कह पाती हूँ इस की वजह से कई बार मुझे खुद मुह की खानी पड़ी है तो पहले अब मुझे ये भी सीखना पड़ेगा ..है तो बहुत सी मेरे अंदर एसी आदते जो अच्छी नहीं पर लोग अगर वही मुझमे पसंद करते है तो उनके लिए ये कुर्बानी ही सही 

 प्र.  आप ने हाल ही में लिखना शुरू किया है क्यों ? और किस तरह की चीजों को अपना विषय बनती   है ।

  उ.  अर्चना जी ये बहुत ही भरी भरकम सवाल हो गया मेरे लिए अभी- अभी शुरुवात  की है लिखने में  कता लिखती हू यानि 4 लाइनर  बस अभी विषय के बारे में नहीं सोचा है बस एसे ही लिखती हू ..

  प्र.  अपनी लिखी कोई कता( 4 लाइनर  ) सुनाएगी ?

  उ. जी, जरुर ........

"ये पल ये खुशिया आज है हमारे साथ
ये दोस्तों की बेबकिया आज है हमारे साथ
कल हो न हो क्या खबर
जी ले ये पल आज सब  के साथ "

"दूर रहकर भी कितना पास है वो
दिल के करीब बहुतखास है वो
दूरिया बहुत सही लेकिन कही न कही
जिन्दगी के हर मोड़ पर साथ - साथ है वो "
 

  प्र. आखिरी सवाल...  भविष्य में अपने आप को कहाँ  देखती है ?

 उ. "भावी पत्रकार "के रूप में  इसके लिए मै हर वो कोशिश  करुगी जो मुझे लगता है करनी चाहिए मै सामरा काज़मी बनना चाहती हूँ कोई और नहीं अगर पत्रकार नहीं तो लेक्चरार..... पर महेनत पूरी इमानदारी के साथ करुँगी की मै एक पत्रकार बनू ।


मेरी राय
(सामरा काज़मी के लिए )

सामरा काज़मी से मिलके  मुझे ऐसा नहीं लगा  की मै किसी सामन्य लड़की से बात कर रही हूँ उनमे वो सारी बाते थी जो एक  भावी पत्रकार में होनी चाहिए  बातो को गंभीरता से लेना वो आदत शायद मुझे उनमे सबसे अच्छी  लगी क्योकि मेरा मनना है की जो अपने जीवन को गम्भीरता  से नहीं लेता जिन्दगी भी उसे कभी गम्भीरता  से नहीं लेती साक्षात्कार  के दोरान मै जो भी कुछ पूछ रही थी उसका जवाब फटाफट मुझे मिल रहा था पर कही न कही सामरा जी मुझे अस्पष्ट दिखी पता नहीं  क्यों वो बातो को समझा नही पाई बाकि कुछ बाते ऐसे भी रही जिनको सायद लिखा नहीं जा सकता था पर सामरा जी के व्यक्तित्व को इससे भली -भाति समझा जा सकता है मेरे हिसाब से आप किसी को बिना जाने राय नहीं बना सकते पर आप उसे वक्त देकर समझ जरुर  सकते है जो मेरे साथ हुआ  इतना कुछ जानकार मेरी राय सामरा जी के लिए बदल  गई है उम्मीद है आप भी इस साक्षात्कार  को पढ़ कर सामरा जी को समझ पायेगे सच में वक्त के इस आईने में इनकी तस्वीर साफ़ थी पर सायद लोगो में समझ की कमी जो इन्हें समझ न पाए मेरे लिए इनसे मिलना ,बात करना ,साथ वक्त बिताना  एक अनुभव से कम नहीं है  
 सामरा जी आपने आप में एक हस्ती है जिसे बया करने की भी आवश्यकता  नहीं है क्योकि वो खुद कहती है "जिसे  मुझे समझना है वो केसे भी मुझे समझ सकता है " तो ऐसी बेबाक राय रखने वाली एक लड़की जो आज के समय में भी अपने परिवार वालो के लिए इतनी सजग है ,जो सच में कुछ करना चाहती है मै सलाम करी हूँ ऐसे जज्बे को ....
कुछ चंद लाइने मै उनके लिए कहना चाहुगी .....
"आजमाती है जिन्दगी
कठिन जिनकी डगर होती है ...
मुसुकुराते हुए तय करते है
जो सफ़र ..
जीत उन्ही की होती है "


( अर्चना चतुर्वेदी )

 

Comments

  1. म श्री एडम्स केविन, Aiico बीमा ऋण ऋण कम्पनी को एक प्रतिनिधि हुँ तपाईं व्यापार को लागि व्यक्तिगत ऋण चाहिन्छ? तुरुन्तै आफ्नो ऋण स्थानान्तरण दस्तावेज संग अगाडी बढन adams.credi@gmail.com: हामी तपाईं रुचि हो भने यो इमेल मा हामीलाई सम्पर्क, 3% ब्याज दर मा ऋण दिन

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

लैपटॉप या लॉलीपॉप ....

अपनी हिम्मत हैं की हम फिर भी जीये जा रहे हैं ..................

बस एक रात की बात